Friday, August 5, 2016

Gaurakshak aur Gyani Part 1 गोरक्षक और ज्ञानी भाग १





गोरक्षक और ज्ञानी भाग

गोरक्षकः पंडीतजी, अपने पुरानोंके अनुसार, कीसी भी आत्मा का अंतीम उद्देश क्या होता हैं?


ज्ञानीः मोक्ष. मतलब जन्म और मृत्यू के चक्र से हमेशा के लीये मुक्ती।


गोरक्षकः तो फिर क्या कोई भी जीव मोक्ष प्राप्त कर सकता हं?


ज्ञानीः नही! सिर्फ हम इंसान अपने गुरु के आशिर्वादसे मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं।


गोरक्षकः मतलब मनुष्य छोडकर अन्य प्राणीयोंको मनुष्य जन्म प्राप्त करने के बाद ही मोक्ष मिल सकता हैं।


ज्ञानीः बिलकुल सही पेहेचान वत्स।


गोरक्षकः गाय को भी नही पंडीतजी?


ज्ञानीः ना!


गोरक्षकः तो फिर इसका मतलब हुआ की सब प्राणीयोंमे यहॉ तक गौमातासेभी इन्सानही सर्व श्रेष्ठ हैं।


ज्ञानीः इसमे अहंकार ना देखो तो यही सच हैं।


गोरक्षकः क्या अपने पुराणोंमे सचमें यहीं लिखा हैं पंडितजी?


ज्ञानीः हां वत्स! यहीं लिखा हैं! पर तूम इतने साशंक क्यूं हो पुत्र?


गोरक्षकः क्यूं के नेताजी केहेते हैं की गोहत्या या गोमांससे जुडे किसीभी इन्सान को भयंकर दंड दो! वे केहेते हैं अपने देशका कानूनभी इसे अपराध मानता हैं।


ज्ञानीः अब ऐसा देखो, पेहेले तो अगर ये कानूनी अपराध हैं तो अपराधी को सजा देने का हक्क सिर्फ और सिर्फ कानून का हैं। तूम्हारा या तुम्हारे नेताजी का नही। और दुसरी बात; नेताजी जैसे लोगोंसे भरे हुए देश मैं ये कानून मतलब अश्वत्थामाके हात मैं ब्रह्मास्त्र! बडे शत्र के साथ बडी जिम्मेवारीभी आती हैं। आपके नेताजी जैसे गैरजिम्मैदाराना पागलोंसे तो खाली विनाशही हो सकतां हैं।


गोरक्षकः तो फिर गाय को अपने पुराणोंमें जो पवित्रता बहाल की हैं वो झूठ हैं क्या?




Gaurakshak aur Gyani Part 1

Gaurakhsak: Punditji, what is the ultimate aim of a soul as per the Hindu scriptures?


Gyani: It is to attain the salvation or Moksha as it is called. It is freedom from the cycle of birth and death.


Gauraskhak: Then can any living being attain this Moksha?


Gyani: No! Only humans can – with help of his / her Guru.


Gaurakshak: Are you sure Punditji? I mean are you sure no animal can attain moksha unless and until he is reborn as a human being?


Gyani: Yes! You are right my son!


Gaurakshak: Not even a cow Punditji?


Gyani: No!


Gaurakshak: But this then means Humans are superior to animals even though that animal is a cow!


Gyani: Indeed!


Gaurakshak: Punditji are you sure this has been said and written in our religious texts?

Gyani: Yes by all means it is strictly as per our scriptures. But why are you asking this my son?


Gaurakshak: Because our netaji says it is our duty to severely punish a person who is killing a cow or is in possession of beef. He says even Indian law states that.


Gyani: There are two aspects to this. 1st of all, if it is forbidden by law, then let the legal system punish the offender. You or your netaji have no authority to do so. Secondly, this law when used by people like netaji is similar to Brahmastra in the hands of Ashvatthaman! Great weapon calls for great responsibility my boy! It is disastrous in the hands of irresponsible fanatics like your netaji.


Gaurakshak: Then is the sacred state given to the cow in our scriptures wrong?


...To be continued

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